हम वैसा ही बनते हैं जैसे हमारे विचार होते हैं
"हमको मन की शक्ति देना , मन विजय करें दूसरों की जय के पहले खुद को जय करें " इस मधुर गीत के द्वारा दिया गया सन्देश जीवन का आधार है , इसका आशय है की यदि हम अपने मन को जीत लेते हैं तो हम समस्त संसार को जीत सकते हैं | हमारा मन बनता है हमारे विचारों से और विचार ही हमारे जीवन और कर्म की दिशा तय करते हैं | विचारों के द्वारा ही व्यक्तित्व का निर्माण होता है और एक सही व्यक्तित्व ही जीवन को ऊर्जा व गति प्रदान करता है | इतिहास ऐसे अनगिनत उदाहरणों से परिपूर्ण हैं जहाँ उपर्युक्त सन्देश जीवंत रूप में दिखता है | कलिंग युद्ध के बाद सम्राट अशोक का ह्रदय परिवर्तन हुआ और उसने संसार भर में बौद्ध धर्म द्वारा शांति का सन्देश फैलाया | न उसका शरीर बदला न परिवेश , केवल विचार परिवर्तन द्वारा ही वह चंड अशोक से महान अशोक बन पाया | अकबर ने अपने 'दीन-ए-इलाही' धर्म द्वारा समाज को नए विचार देने का प्रयास किया जिससे धार्मिक सहिष्णुता बनी रहे | बापू ने भी सत्य अहिंसा का नारा दिया , उन्होंने इसे केवल एक कारवाई या योजना की तरह नहीं अपनाया बल्कि इसे एक विचार की तरह आत्मसात किया | उन...